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Description
Sujets
Informations
Publié par | Diamond Books |
Date de parution | 06 novembre 2020 |
Nombre de lectures | 0 |
EAN13 | 9789352961658 |
Langue | English |
Poids de l'ouvrage | 1 Mo |
Informations légales : prix de location à la page 0,0168€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.
Extrait
धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों एवं राष्ट्रों पर वास्तु का प्रभाव
eISBN: 978-93-5296-165-8
© लेखकाधीन
प्रकाशक डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि.
X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II
नई दिल्ली- 110020
फोन : 011-40712200
ई-मेल : ebooks@dpb.in
वेबसाइट : www.diamondbook.in
संस्करण : 2018
धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों एवं राष्ट्रों पर वास्तु का प्रभाव
By - वास्तुगुरु कुलदीप सलूजा
समर्पण
यह पुस्तक मेरे पूजनीय माता-पिता स्वर्गीय श्रीमती रामप्यारी धौल सरदार तारा सिंह जी धौल एवं मेरे पूज्य भाई स्वर्गीय बलबीर सलूजा को सादर समर्पित है।
अनुक्रमणिका वास्तु में दिशा ज्ञान का महत्व आपका घर कौन-सा मुखी है? वास्तुशास्त्र के अनुसार दिशाएँ व कोण प्लॉट का विभाजन कोण का विभाजन आठ दिशाओं को प्रभावित करने वाले नौ ग्रह नवग्रह, आठ दिशाएँ एवं उनके आधिपत्य वाले क्षेत्र फेंगशुई के अनुसार वास्तु का आठ भागों में विभाजन वास्तु में निचाई का प्रभाव प्रसिद्ध धार्मिक स्थल साईंबाबा मंदिर, शिर्डी तिरुपति बालाजी, तिरुमाला श्रीनाथ जी, नाथद्वारा सिद्धिविनायक, मुंबई वैष्णोदेवी, कटरा जम्मू कामाख्या देवी का मंदिर, गुवाहाटी सोमनाथ मंदिर, सौराष्ट्र ननकाना साहिब, पाकिस्तान गुरुद्वारा श्री नानक झीरा साहिब, बीदर (कर्नाटक) गुरुद्वारा ग्वारीघाट साहिब, जबलपुर पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुअन्नतपुरम् अन्कोरवाट मंदिर, सिमरिप, कम्बोडिया सिनागोग, ज्यू टाऊन मतानचैरी, कोचीन कोलकाता का कालीमाता मंदिर दरगाह शरीफ, अजमेर बाहुबलि गोमटेश्वर श्रवणबेलगोला शनि मंदिर, शिंगणापुर हर की पौढ़ी, हरिद्वार कैलाश-मानसरोवर तीर्थराज पुष्कर ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम् श्रीशैलम् मल्लिकार्जुन, ज्योतिर्लिंग ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, औढ़ा नागनाथ ज्योतिर्लिंग, परली वैद्यनाथ पशुपतिनाथ, मन्दसौर मीनाक्षी मंदिर, मदुरै कामाक्षी मंदिर, कांचीपुरम् कन्याकुमारी मंदिर, कन्याकुमारी सुचिन्द्रम टेम्पल, कन्याकुमारी वृहदेश्वर मंदिर, तंजावूर वडक्कन्नाथन मंदिर, त्रिशुर श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर, श्रीरंगपत्तनम् श्री चामुण्डेश्वरी मंदिर, मैसूर श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर, श्रीरंगम् मुरूगन टेम्पल, पलानी दक्षिण भारत का प्राचीनतम मंदिर कैलाशनाथ गुरुवयूर मंदिर, त्रिशुर वेल्लूरू स्थित स्वर्ण मंदिर श्रीपुरम् एकाम्बरनाथ मंदिर, कांचीपुरम् श्री कण्ठेश्वरा मंदिर, मैसूर वास्तुनुकूल है बेंगलुरू का बुल टेम्पल दक्षिणमुखी खोटेमरमा का मंदिर, मैसूर दक्षिण भारत का पहाड़ी किला मंदिर, त्रिची बंजारी टेकरी, पलारी का श्री शनिधाम भालका तीर्थ, वेरावल, सौराष्ट्र श्री मोहनखेड़ा जैन महातीर्थ, राजगढ़ शक्तिपीठ हरसिद्धि, उज्जैन बगलामुखी माता मंदिर, नलखेड़ा माँ पीताम्बरा देवी, दतिया पावागढ़ मंदिर और असूरी अम्बा जी, गुजरात दादी रानी सती मंदिर, झुंझुनू डाकोर का रणछोड़ मंदिर द्वारकाधीश, कांकरोली गोवर्धन पर्वत (गिरिराज जी) श्री खाटू श्याम जी, खाटू, सीकर सालासर बालाजी, सालासर, चुरू वास्तुदोषों के कारण घट रही मंदिर में भक्तों की संख्या इंदौर का खजराना गणेश मंदिर श्री दुर्गियाणा तीर्थ (अमृतसर) भुतहा स्थल भानगढ़ का किला वृन्दावन का निधिवन कुलधरा का सच, कुलधरा, जैसलमेर लम्बीधार, मसूरी मेरठ केंट का बंगला नम्बर मेंहदीपुर बालाजी, मेंहदीपुर खेरेश्वरधाम मंदिर, शिवराजपुर, कानपुर ऐतिहासिक स्थल खजुराहो जामा मस्जिद, दिल्ली ताजमहल, आगरा आमेर का किला, जयपुर चित्तौड़ का किला, चित्तौड़ कुम्भलगढ़ किला, कुम्भलगढ़ गोलकुण्डा फोर्ट, हैदराबाद जूनागढ़ अपरकोट फोर्ट, जूनागढ़ रॉयल पैलेस, मण्डाले, म्यांमार (बर्मा) हवामहल, जयपुर विश्व प्रसिद्ध नियाग्रा फॉल्स (जलप्रपात), यू.एस.ए. स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर बाँध स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी, यू.एस.ए. ‘कू ची’ (CU Chi Tunnel) टनल, वियतनाम शहर गुलाबी नगरी जयपुर चंडीगढ़ ओरछा आदर्श वास्तु का सुन्दर उदाहरण- गुड़गांव उज्जैन अमरकंटक गीजा पिरामिड, इजिप्ट अटलांटिका सिटी, न्यू जर्सी, यू.एस.ए. राष्ट्र वास्तु ने ही बना रखा है राष्ट्रों को ‘सम्पन्न एवं विपन्न’ वास्तु के कारण हमेशा युद्ध करेगा अमेरिका एक और सत्य हुआ वास्तु आधारित भविष्य कथन वास्तु के कारण विभाजित हुए और होते रहेंगे देश-प्रदेश कालाधन व भ्रष्टाचार मुक्त भारत असम्भव विवादित स्थल एबटाबाद हवेली के वास्तुदोष बने लादेन की हत्या का कारण राम जन्मभूमि वास्तु के कारण ही विवादित है और रहेगी राम जन्मभूमि, अयोध्या धार स्थित भोजशाला प्रसिद्ध व्यक्तियों के निवास स्थान वास्तु पर आधारित सत्य हुए भविष्य कथन अन्ना जी का निवास स्थान आदरणीय बाबा रामदेव पतंजलि योगपीठ योगगुरु बाबा रामदेव का आश्रम सचिन का निवास स्थान श्री श्री रविशंकर जी का आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल आश्रम नीम करौली बाबा तांत्रिक चंद्रास्वामी उद्योग और व्यापार ब्रिटेन स्थित टाटा स्टील का बिजनेस टाटा नैनो का कारखाना प्लान्ट के वास्तुदोषों के कारण ही होते हैं न्यूक्लियर डिजास्टर गूगल और फेसबुक
वैज्ञानिक जानकारी से परिपूर्ण कुलदीप सलूजा की वास्तु एवं फेंगशुई पर आधारित पुस्तकें
वास्तुगुरु कुलदीप सलूजा का परिचय नाम : कुलदीप सलूजा शिक्षा एवं अध्ययन : B.Sc., M.A., LL.B (Advocate) : फेंगशुई के विशेष अध्ययन के लिए चीन, हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैण्ड, दक्षिण कोरिया, ताईवान, जापान, मलेशिया आदि देशों की कई यात्राएँ कीं। : पिरामिड पर रिसर्च करने के लिए इन्होंने विशेष रूप से इजिप्ट और मैक्सिको की यात्रा की। इजिप्ट स्थित गीजा के प्रसिद्ध तीन पिरामिडों के अलावा इन्होंने 20 से अधिक पिरामिडों का अध्ययन किया। मैक्सिको के Teotihuacan शहर में स्थित सूर्य और चन्द्र पिरामिड का भी अध्ययन किया। इनके शोध को डायमंड पॉकेट बुक्स दिल्ली द्वारा ‘पिरामिड वास्तु सिर्फ धोखा’ नामक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया है। जो आज वास्तु विषय में देश की चर्चित पुस्तकों में से एक है। इस पुस्तक में इन्होंने पिरामिड वास्तु के नाम पर की जा रही धोखेबाजी की जानकारी देते हुए पिरामिड की सच्चाई को वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत किया है। नौकरी (सरकारी क्षेत्र में) : ये एक वर्ष भारतीय खाद्य निगम में और नौ वर्ष स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत रहे। व्यवसाय : उज्जैन के प्रतिष्ठित व्यावसायिक संस्थान ‘बिल्लू एण्ड बिल्लू’, ‘बिल्लू फर्नीचर वर्ल्ड’, ‘टी.आर.डी. इंडस्ट्री’ और ‘आर.टी.डी. इंडस्ट्री’ के संचालक। : संचालक ‘द नेब्यूला इंटरनेशनल स्कूल ऑफ साइंटिफिक वास्तु’, उज्जैन। अनुभव देश-विदेश में : विगत् 30 वर्षों से वास्तु एवं ज्योतिष परामर्शदाता के रूप में। परामर्शदाता के रूप में : इन्होंने अपने गहन अध्ययन से अर्जित वास्तु के गहन ज्ञान को 50 से अधिक देशों की यात्रा कर परामर्श के रूप में दिया है। (कई देशों में कई बार विशेषतौर से UAE में अभी तक 48 बार जा चुके हैं।) लेखक के रूप में : अभी तक वैज्ञानिक जानकारी से परिपूर्ण वास्तु एवं फेंगशुई की 22 किताबों के साथ-साथ अन्य विषयों पर कुल 284 किताबें भारत के प्रसिद्ध प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की जा चुकी हैं। स्तम्भकार के रूप में : इन्होंने अभी तक वास्तु से सम्बन्धित 350 से अधिक लेख लिखे हैं, जो भारत के 60 से अधिक दैनिक, साप्ताहिक और मासिक पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। : इनके लेख हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी, तेलुगू, उर्दू, बंगाली भाषा में प्रकाशित हो रहे हैं, साथ ही फ्रेंच भाषा में भी अनुवादित होकर मॉरीशस के अखबार ‘द वीक एंड’ में भी प्रकाशित हुए हैं। टीवी एवं रेडियो कार्यक्रम के क्षेत्र में : वास्तु विषय पर सुदर्शन न्यूज चैनल, सौभाग्य टीवी, सहारा समय NCR और ETV मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के टीवी चैनल पर भी इनके कार्यक्रम प्रसारित हो चुके हैं। साथ ही मॉरीशस ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन द्वारा वास्तु विषय पर बनाए इनके कार्यक्रम टीवी एवं रेडियो पर प्रसारित किये जा चुके हैं।
प्रकाशक
दो महत्वपूर्ण बातें प्रिय पाठकों से!
प्रिय पाठकों! आपके मन में एक खयाल कभी-न-कभी जरूर आया होगा कि धरती एक है, फिर भी धरती के कुछ भाग पर रहने वाले लोग समृद्ध तो कुछ भाग पर लोग गरीबी और अनेक प्रकार की समस्याओं से ग्रसित क्यों हैं? इसी प्रकार पूरी दुनिया में हजारों शहर हैं, परन्तु कुछ ही शहर विशेष प्रसिद्ध हैं तो क्यों?
विश्वभर में सभी धर्मों के आराध्यों के अनेक धार्मिक स्थान बने हुए हैं, परन्तु उनमें कुछ ही स्थल लोगों को इतना आकर्षित करते हैं कि वहाँ बारहों मास भारी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते रहते हैं। जैसे भारत के हर गाँव व शहर में देवी माता के अनेक मंदिर बने हुए हैं। जहाँ दर्शनार्थी जाते रहते हैं, किन्तु जम्मू के पास कटरा स्थित माँ वैष्णों देवी के मंदिर के प्रति दर्शनार्थियों की श्रद्धा और आकर्षण कुछ ऐसा है कि भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के कोने-कोने से भारी तादाद में दर्शनार्थी दर्शन को आते हैं। इसी प्रकार गणेश जी के भी कई मंदिर हैं, परन्तु मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर का आकर्षण एकदम अलग है। इन सभी स्थानों पर वर्षभर दर्शनार्थियों का ताँता लगा रहता है। जहाँ दर्शनार्थी मन्नतें माँगते हैं और पूरी होने पर पुनः दर्शन को आते हैं और भारी चढ़ावा चढ़ाते हैं, जबकि इन्हीं आराध्यों के कई ऐसे भी स्थान हैं जहाँ इतने कम दर्शनार्थी जाते हैं कि वहाँ हमेशा सन्नाटा पसरा रहता है। इसी प्रकार कई धार्मिक स्थान विवादित हैं, जैसे- राम जन्मभूमि अयोध्या। ऐसे में मन में यह स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि आखिर ऐसा क्यों?
किसी भी स्थान को मिलने वाली प्रसिद्धि केवल इस कारण होती है कि उस स्थान की भौगोलिक स्थिति और उस पर हुए निर्माण सहज भाव से वास्तु सिद्धान्तों के अनुकूल होते हैं या बनाए जाते हैं। उसी प्रकार विवाद भी वास्तुदोष के कारण ही होते हैं।
मैंने इस पुस्तक के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया है कि वास्तु के प्रभाव से धार्मिक स्थल, महल, ऐतिहासिक स्थल, राष्ट्र इत्यादि जब अछूते नहीं रह पाते तो फिर हमारे घर, दुकान, उद्योग इत्यादि कैसे अछूते रह सकते हैं?
यह पुस्तक मेरे कई वर्षों के वास्तु अनुसंधान के दौरान लिखे गए लेखों का संकलन है, जो समय-समय पर प्रकाशित हुए हैं। वास्तु विश्लेषण करते समय प्रत्येक लेख में वास्तु सिद्धान्तों का उल्लेख करना आवश्यक होता है, इसी कारण आपको एक ही जैसे वास्तु सिद्धांत बार-बार पढ़ने को मिलेंगे।
मेरा विश्वास है कि यह पुस्तक वास्तु के उन विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी होगी, जो वास्तुशास्त्र का गहन अध्ययन करना चाहते हैं। मैं सहृदय आभारी हूं वास्तुशास्त्र के विद्वान् आदरणीय श्री गौरू तिरुपति रेड्डी, श्री आर. जी. राव, श्री द्रोणमराजु पूर्णचन्द्र राव, श्री ए. आर. तारखेडकर एवं श्री बी. एन. रेड्डी, का जिनके द्वारा लिखे गए ‘वास्तु ग्रन्थों’ से मैं वास्तुशास्त्र के कई रहस्यों को जान पाया और एक सफल वास्तु परामर्शदाता बन सका।
मैं अपनी प्रिय पत्नी श्रीमती कुलदीप सलूजा और पुत्रवधु प्रिय शीतल एवं रश्मि के स्नेह भरे सहयोग के लिए आभारी हूँ, जिनके सहयोग से यह पुस्तक आप तक ला पाया।
मैं प्रिय विनायक तिवारी का भी सस्नेह आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने अपनी लगन व मेहनत द्वारा इस पुस्तक के संपादन व कम्प्यूटर पर इसकी पांडुलिपि तैयार करने के दुरूह कार्य को पूर्ण किया।
मैं श्री संतोष सरबरिया का भी आभारी हूँ, जिन्होंने इस पुस्तक को संपादित कर भाषा को सरल किया।
अंत में डायमण्ड बुक्स के डायरेक्टर आदरणीय नरेन्द्र वर्मा जी का हृदय से आभारी हूँ, जिनके विश्वास एवं सहयोग से मैं अपने गहन अध्ययन एवं शोध को आप सबके समक्ष प्रस्तुत कर सका।
- कुलदीप सलूजा
Contact at : Kuldeep Saluja The Nebula International School of Scientific Vaastu Billoo & Billoo, Freeganj, Ujjain - 456 010 india Mobile : 09425091601 E-Mail: thenebula2001@yahoo.co.in , thenebula2001@gmail.com Website : www.vaastuguru.co.in