La lecture à portée de main
Vous pourrez modifier la taille du texte de cet ouvrage
Découvre YouScribe en t'inscrivant gratuitement
Je m'inscrisDécouvre YouScribe en t'inscrivant gratuitement
Je m'inscrisVous pourrez modifier la taille du texte de cet ouvrage
Description
Take on diabetes through Diet and Nutrition-control, Yoga and Meditation & Exercise, Nature Cure, Acupressure, Ayurveda/Homeopathy/Herbal Cure and Allopathy. Since diabetes cannot be cured, the only way to deal with it is to learn how to control it. With this clear objective in view, the book offers a complete guide on the ways and means to go about it.
Sujets
Informations
Publié par | V & S Publishers |
Date de parution | 19 novembre 2013 |
Nombre de lectures | 0 |
EAN13 | 9789352150656 |
Langue | Hindi |
Poids de l'ouvrage | 1 Mo |
Informations légales : prix de location à la page 0,0500€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.
Extrait
प्रकाशक
F-2/16, अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली-110002 23240026, 23240027 • फैक्स: 011-23240028 E-mail: info@vspublishers.com • Website: www.vspublishers.com
क्षेत्रीय कार्यालय : हैदराबाद
5-1-707/1, ब्रिज भवन (सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया लेन के पास)
बैंक स्ट्रीट, कोटि, हैदराबाद-500015
040-24737290
E-mail: vspublishershyd@gmail.com
शाखा : मुम्बई
जयवंत इंडस्ट्रियल इस्टेट, 1st फ्लोर, 108-तारदेव रोड
अपोजिट सोबो सेन्ट्रल मुम्बई 400034
022-23510736
E-mail: vspublishersmum@gmail.com
फ़ॉलो करें:
© कॉपीराइट: वी एण्ड एस पब्लिशर्स ISBN 978-93-505709-7-5
डिस्क्लिमर
इस पुस्तक में सटीक समय पर जानकारी उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया गया है। पुस्तक में संभावित त्रुटियों के लिए लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होंगे। पुस्तक में प्रदान की गई पाठ्य सामग्रियों की व्यापकता या संपूर्णता के लिए लेखक या प्रकाशक किसी प्रकार की वारंटी नहीं देते हैं।
पुस्तक में प्रदान की गई सभी सामग्रियों को व्यावसायिक मार्गदर्शन के तहत सरल बनाया गया है। किसी भी प्रकार के उदाहरण या अतिरिक्त जानकारी के स्रोतों के रूप में किसी संगठन या वेबसाइट के उल्लेखों का लेखक प्रकाशक समर्थन नहीं करता है। यह भी संभव है कि पुस्तक के प्रकाशन के दौरान उद्धत वेबसाइट हटा दी गई हो।
इस पुस्तक में उल्लीखित विशेषज्ञ की राय का उपयोग करने का परिणाम लेखक और प्रकाशक के नियंत्रण से हटाकर पाठक की परिस्थितियों और कारकों पर पूरी तरह निर्भर करेगा।
पुस्तक में दिए गए विचारों को आजमाने से पूर्व किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है। पाठक पुस्तक को पढ़ने से उत्पन्न कारकों के लिए पाठक स्वयं पूर्ण रूप से जिम्मेदार समझा जाएगा।
मुद्रक: परम ऑफसेटर्स, ओखला, नयी दिल्ली-110020
प्रकाशकीय
वी एण्ड एस पब्लिशर्स पिछले अनेक वर्षों से सामान्य ज्ञान, कहानी संग्रह, प्रतियोगी परीक्षा हेुत, चिकित्सा आदि सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों का प्रकाशन करते आ रहें हैं। इसी श्रृंखला मे हम ‘डायबिटीज कन्ट्रोल’ नामक पुस्तक प्रकाशित कर रहे है। प्रस्तुत पुस्तक अंग्रेजी पुस्तक (Diabetes) का हिन्दी रूपान्तर है।
पाठको की बढ़ती माँग व बाजार में मधुमेह जैसे जटिल रोग की समस्या को सम्बोधित करती उत्कृठ पुस्तक के अभाव ने हमे इस पुस्तक को हिन्दी मे प्रकाशित करने के लिए प्रेरित किया।
मधुमेह एक जटिल रोग है जो मनुष्य के शरीर को धीरे-धीरे अन्दर ही अन्दर लकड़ी में लगे दीमक की तरह खोखला कर देता है। पुराने समय से लेकर अब तक कई विदानों और लेखकों ने मधुमेह के बारे मे लिखा है। हम मधुमेह रोग के कारणों, रोकथाम और चिकित्सा के बारे में सहज व सुस्पष्ट भाषा में अपने विचार इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाना चाहते हैं।
आशा करते है कि प्रिय पाठक इस सराहनीय पुस्तक को पढेंगे, साथ ही अगर पुस्तक से कोई त्रुटि मिलती है तो उसे हम तक पहुँचाकर हमें कृतार्थ करेंगे।
आपकी सेवा में सादर समर्पित!
प्रस्तावना
मधुमेह एक ड़रावनी बीमारी है। मारतवर्ष मे लगभग 35 करोड़ लोग मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त है। यह सख्या विश्व के सभी मधुमेह रोगियों की 25%, है। इसमे से अधिकांशत: (90%) टाइप टू मधुमेह से ग्रस्त हैं, जिसकी पहचान किसी दुर्घटनावश या बहुत बढ़ जाने पर हो पाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार वर्ष 2025 तक विश्व में मधुमेह रोगियो की संख्या 30 करोड़ (अभी 15 करोड़) हो जायेगी और 'भारत में यह संख्या 5.7 करोड़ होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को विश्व की मधुमेह राजधानी घोषित किया है।
अधिकांश भारतीयो की यह गलत धारणा है कि मधुमेह अधिक मीठी वस्तुओ का सेवन करने से होता है और इसे बद करने पर यह रोग समाप्त हो जायगा। मधुमेह एक बीमारी है, जिसका आधुनिक दवाईओं से इलाज बहुत कठिन है। यद्यपि इसे नियन्त्रित कर सकते है। यह पाया गया है कि बहुत से मधुमेह रोगियों मे बहुत अच्छा सुधार होता है जब वे एलोपैथिक दवाओं के साथ आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, चुम्बक चिकित्सा, एक्युप्रेशर, रंग चिकित्सा, संगीत चिकित्सा और फेंगशुई को जोड़ देते है।
एक साधारण व्यक्ति के लिए यह सारी जानकारी देने के लिए मैंने इस पुस्तक को लिखा है और आशा है कि पाठक इसको उपयोगी पाकर इससे लाभ उठायेंगे।
विषय-सूची
मधुमेह : एक परिचय
अध्याय 1 : मधुमेह क्या हैं?
मधुमेह क्या है?
अग्नाशय की संरचना और कार्य प्रणाली
अग्नाशय के भाग
अग्नाशय के प्रमुख कार्य
मधुमेह के आयुर्वेदिक सिद्धांत
अध्याय 2 : मधुमेह के प्रकार
इंसुलिन आधारित डायबिटीज या टाइप वन डायबिटीज
नॉन-इंसुलिन आधारित डायबिटीज या टाइप टू डायबिटीज
मधुमेह के कारण अग्नाशय (पैन्क्रियाज) में होने वाली बीमारियों
अध्याय 3 : मधुमेह के कारण
दवाइयाँ और विषैले पदार्थ
तनाव
आनुवंशिक
आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह के कारण
जीवनचर्या
अध्याय 4 : मधुमेह के संकेत और लक्षण
अध्याय 5 : मधुमेह की जटिलताएँ
मधुमेह क्यो एक खतरनाक बीमारी मानी जाती है?
हाहपोग्लीसेमिया या निम्न रक्तचाप
निम्न रक्त शर्करा के लक्षण
मधुमेह और हृदय की बीमारी
मधुमेह व गुर्दे की बीमारी
मधुमेह के कारण आँख मे होने वाली परेशानियाँ
मधुमेह से नाड़ी (नर्वस) की परेशानियाँ
पाचन तंत्र की परेशानियाँ
अध्याय 6 : मधुमेह की पहचान
मधुमेह का संदेह होने वाले संकेत
बेनेदिक्ट्स टेस्ट
डिप स्टिक तरीका
पेशाब में कीटोन्स की जाँच
पोस्ट प्रान्दिअल शर्करा (P.P.)
आकस्मिक रक्त शर्करा जाँच
ग्लूकोज टालेरेन्स टेस्ट (G.T.T.)
डेक्सट्रोमीटर या ग्लूकोमीटर
डेक्सट्रोमीटर या ग्लूकोमीटर के प्रयोग का तरीका
ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबीन
पेशाब और रक्त शर्करा टेस्ट में अन्तर
अध्याय 7 : मधुमेह का अनाज
मधुमेह के इलाज के उद्देश्य
जीवनचर्या में परिवर्तन
मधुमेह की बीमारी में खानपान के गुण
विभिन्न मधुमेह रोगियों की कैलोरी आवश्यकता
सब्जियाँ और फल
मधुमेह रोगी का मेन्यू
वसा और तेल
जड़े व कंद
मधुमेह रोगी के भोजन का प्रकार
मधुमेह रोगी के भोजन की कुछ अन्य विशेषताएँ
भोजन के तत्त्वों का कैलोरी अनुमान
बिना माप तोल के मधुमेह का भोजन
शारीरिक कसरत का महत्त्व
सामान्य व मोटे भारतीय पुरुषों व महिलाओं का वजन
कसरत के प्रकार
कसरत का समय व आवृत्ति
योग की भूमिका
योगासन
कसरत ओर योगासन से अन्तर
योगासन मधुमेह के इलाज में कैसे सहायक है
मधुमेह के इलाज में योगासन की उपयोगिता
धनुरासन या धनुष तरह मुद्रा
पश्चिमोत्तासन
सर्वांगासन
भुजंगासन
यौगिक क्रियाएँ
कपालभाती
वमन धौती या कुंजल क्रिया
प्राणायाम
मधुमेह के इलाज में प्राणायाम की उपयोगिता
भस्त्रिका प्राणायाम
शीतली प्राणायाम
शीतकारी प्राणायाम
ध्यान लगाना
साँस लेने की जागरूकता
शरीर के अंगों की जागरूकता
मानसिक रंगों के प्रति जागरूकता
स्वयं को सुझाव और संकल्प
मधुमेह के इलाज से ध्यान की भूमिका
प्राकृतिक चिकित्सा और प्रकृति द्वारा इलाज
मधुमेह चिकित्सा में जल चिकित्सा के विभिन्न प्रकार
मधुमेह के इलाज में मिट्टी का प्रयोग
मधुमेह का एलोपैथिक इलाज
विभिन्न प्रकार के मधुमेह की बीमारी और इलाज
मुँह से लेने वाली दवाएँ
मौखिक दवाइयों के विशेष गुण
याद रखने वाली बातें
इंसुलीन इंजेक्शन
इंसुलीन के प्रकार
इंजेक्शन का भण्डारण
इंसुलीन इंजेक्शन से जुड़ी समस्याएँ
मधुमेह का आयुर्वेदिक इलाज
वाह्य इलाज
आतंरिक इलाज
मधुमेह के कारण कोमा
खानपान ने परिवर्तन
मधुमेह के इलाज में घरेलू दवाएँ
चुम्बकीय चिकित्सा
सावधानियाँ
एक्यूप्रेशर व रेफ्लेक्सोलाजी
रेफ्लेक्सोलाजी या जोन थेरेपी
मधुमेह के इलाज में उपयोगी एक्यूप्रेशर बिंदु
रंगों से इलाज
संगीत से इलाज
फेंगशुई
मुख्य दार्शनिक बात
मधुमेह के इलाज में फेंगसुई की भूमिका
अध्याय 8 : मधुमेह का भविष्य में रूपांतर
नैदानिक सुबिधा में सुधार
रक्त शर्करा का अपने आप टेस्ट करना
लगातार ग्लूकोज नापना
ग्लूकोज घड़ी
अच्छे इलाज के तरीके
नाक से लेने वाला इंसुलीन
इंसुलीन इन्हेलर
अग्नाशय का प्रत्यारोपण
जीन थेरेपी
अध्याय 9 : आपके कुछ प्रश्नों के उत्तर
अध्याय 10 : आयुर्वेदिक दवाओं की भूमिका
साधारणा तत्वो के काम करने का तरीका
मधुमेह : एक परिचय
आज मानव प्रदूषित वातवरण में रह रहा है। आज विश्व की आबादी पाँच अरब से ज्यादा और भारत की वर्तमान आबादी लगभग एक अरब है। उद्योगों और स्वयं मानव द्वारा जनित प्रदूषण से वातावरण प्रदूषित हो गया है। शहरी जीवन व्यतीत करने वाला मानव आज शारीरिक श्रम के अभाव से रक्तचाप, केंसर, हृदयरोग, मधुमेह आदि रोगों से पीडित है। उक्त रोगों से मधुमेह मनुष्य के शरीर को लकडी से लगे दीमक की यह खोखला कर देता है।
भारतवासियों को अज्ञानता के कारण पहले तो इस रोग का पता ही नहीं चल पाता है और जब पता लगता है तो मधुमेह भयंकर रूप धारण कर चुका होता है। मधुमेह बहुत ही पुराना रोग है जिसके बारे में महर्षि चरक और सुश्रुत ने काफी कुछ लिखा है। सुश्रुत संहिता ने मधुमेह को पैतृक रोग बताया है। इसे रोग को अग्रेजी में 'डायबिटीज' के नाम से जाना जाता है।
आज के लगभग (50 वर्ष पूर्व चिकित्सा वैज्ञानिकों ने इसका सूक्ष्म अध्ययन किया। सन् 1679 में डाँ. थॉमस, सन् 1815 में फ्रांसीसी रासायनिक चेबरूल ने अपने अध्ययन से पता लगाया कि मानव मूत्र में मिलने वाली शर्करा एक प्रकार का ग्लूकोज है। सन् 1921 में कई डॅाक्टरो ने पता लगाया कि मानव की पेन्क्रियाज ग्रंथि से पैदा होने वाली इन्सुलीन मानव शरीर में शर्करा का संतुलन बनाये रखती है। इन्सुलीन की खोज होने पर भी अभी तक मधुमेह रोग पर पूर्ण नियंत्रण नहीं हो पाया है।
वर्तमान समय में मधुमेह रोगियों के लिए इन्सुलीन इंजेक्सन व गोलियाँ लाभदायक सिद्ध हुई हैं। सन् 1955 में 'फेक्रफुच' नामक वैज्ञानिक द्वारा खाने वाली मधुमेह नियंत्रक दवाइयों की खोज से रोगी का मानसिक तनाव तो कम हुआ लेकिन मधुमेह से पूर्ण छुटकारा प्राप्त नहीं हो पाया।
मधुमेह क्या हैं?
मधुमेह या डायबिटीज मेलिटीस एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को अधिक मात्रा में पेशाब होता है। पेशाब के साथ ग्लूकोज नामक गीता पदार्थ भी निकलता है। इस बीमारी मेँ रोगी बहुत अधिक मात्रा में पेशाब करता है जिसके साथ में एक मीठा पदार्थ भी निकलता है जिन्हें ग्लूकोज कहते हें। ऐसा अग्नाशय में उत्पन्न होने वाले इंसुलीन नामक हार्मोन्स की कमी से या इंसुलीन के असंतुलित व्यवहार के कारण होता है।
अग्नाशय की संरचना और कार्य प्रणाली
अग्नाशय उदर ने पाया जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण अंग है। यह डायबिटीज मेलिटीस का एक बड़ा कारक है। अग्नाशय एक कोमल व चपटी, करीब (15-20 सेंटीमीटर लंबी, 3-5 सेमी. चौड़ी व 2-4 सेमी. मोटी और 80-90 ग्राम वजन वाली एक थैली होती है। यह पेट के पीछे की तरफ़ उदर के अंदर स्थित होती है।
अग्नाशय के भाग
अग्नाशय के 3 मुख्य भाग होते हैं--
1. सिर2 मुख्य भाग या धड़3 पूँछ
अग्नाशय का सिर वाला भाग C के आकार वाली अवतल रचना जिसे ड्यूअडीनम Duodinam कहते है जो पेट के निचले भाग व छोटी आँत के ऊपरी छोर के बीच होता है । बायीं तरफ पेट के ऊपरी भाग में होता है। अग्नाशय का पूँछ वाला भाग, पेट के ऊपरी भाग के बायीं तरफ़ एक अन्य अंग तिल्ली (Spleen) में समाप्त होता है। सिर और पूँछ के बीच के भाग को धड़ या मुख्य भाग कहते हैं।
अग्नाशय के प्रमुख कार्य
अग्नाशय के 2 प्रमुख कार्य होते हैं—
(1) भोजन पचाने का कार्य : अग्नाशय का करीब 99% कार्य भोजन को पचाना है। इसमें बहुत-सी छोटी-छोटी कोशिकाएँ होती है जिनमें भोजन पचाने का कार्य करने वाला एन्जाइम पैदा होता है। यह एन्जाइम ही भोजन में पाये जाने वाले प्रोटीन, कार्बोहाहड्रेट और वसा को पचाने का काम करता
En entrant sur cette page, vous certifiez :
YouScribe ne pourra pas être tenu responsable en cas de non-respect des points précédemment énumérés. Bonne lecture !