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Description
Informations
Publié par | Diamond Books |
Date de parution | 01 juin 2020 |
Nombre de lectures | 1 |
EAN13 | 9789352960484 |
Langue | English |
Informations légales : prix de location à la page 0,0166€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.
Extrait
सोचो और अमीर बनो
[नेपोलियन हिल की तहलका मचाने वाली प्रसिद्ध पुस्तक "Think & Grow Rich" का हिन्दी अनुवाद]
eISBN: 978-93-5296-048-4
© प्रकाशकाधीन
प्रकाशक डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि.
X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II
नई दिल्ली- 110020
फोन : 011-40712100
ई-मेल : ebooks@dpb.in
वेबसाइट : www.diamondbook.in
संस्करण : 2018
Socho Aur Ameer Bano
By - Napolion Hill
प्रकाशकीय
लगभग एक शताब्दी तक समस्त यूरोप और अमेरिका में धूम मनाने वाली इस पुस्तक का संशोधित एवम् संपादित हिन्दी अनुवाद सुधी हिन्दी पाठकों को समर्पित करते हुए हमें बड़ा हर्ष हो रहा है। इस पुस्तक की विशेषता है व्यवहारिक पृष्ठभूमि पर सफल और धनी होने वाले व्यक्तियों के सूत्रों का रहस्योद्घाटन करना जो उन सभी के लिए सुगम हो जिनमें आगे बढ़कर संसार में कुछ कर दिखाने का माद्दा है और जो सही राह-निर्देशन के अभाव में अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पाते । ऐंड्रूज कार्नेगी, जिसे अमेरिकी इतिहास में ‘इस्पात का सम्राट’ माना जाता था, ने नेपोलियन हिल को सबसे पहले यह मार्ग सुझाया था और अनुरोध किया था कि इस पर व्यावहारिक रूप में शोध कर अपने निष्कर्ष जगत को बताएं । जब यह पुस्तक शोध रूप में प्रकाश में आया तो उसका तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुले दिल से स्वागत किया और उन सूत्रों को समूचे राष्ट्र में विस्तार की कामना की । तब से लेकर आज तक करोड़ों लोगों ने इन सूत्रों का फायदा उठाया और अपने सपने साकार किए हैं ।
इसी पुस्तक का प्रस्तुत अनुवाद थोड़े संशोधित और संपादित रूप में इसलिए किया गया है कि बहुत-सा विवरण और व्याख्या हमारे हिन्दी पाठकों के लिए अप्रासंगिक हो चुकी थी । उसकी भरपाई कुछ अपने अनुभवों से की गई है । लेकिन मूल प्रसार में वर्णित तेरह सिद्धान्त और उनको लागू करने के तरीके अक्षुण्ण रखे गए हैं । हमें पूरा विश्वास है कि यह पुस्तक सुधी पाठकों को पसन्द आएगी और उसका पूरी गर्म-जोशी से स्वागत होगा ।
पाठकों की निरंतर सफलता की कामना सहित-
मूल-लेखक को प्राप्त कुछ प्रसिद्ध प्रतिक्रियाएं
आपकी लगन पर मैं आपको बधाई देना चाहता हूं । जो व्यक्ति इतने दीर्घकाल तक शोध कर अपने निष्कर्ष बाहर लाता है वह अवश्य ही सभी के लिए अमूल्य होते हैं । आपके ‘मास्टर माइण्ड’ सिद्धान्त के विवेचन ने मुझे बेहद प्रभावित किया है ।
- वुडरो विल्सन भूतपूर्व राष्ट्रपति, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका
मुझे मालूम है कि आपकी पुस्तक सभी का बहुत भला कर रही है । इसकी धन सम्बन्धी कीमत से कहीं बड़ी है प्रत्याशियों में उन गुणों को विकसित करने की प्रेरणा जिसको धन के पैमाने से नहीं नापा जा सकता!
- जॉर्ज ईस्टमैन
सोचो और अमीर बनो मूल संस्करण के लिए लेखकीय
इस पुस्तक के हर अध्याय में उन धन-प्राप्ति के रहस्यों का जिक्र किया गया है जिनके द्वारा 500 से अधिक बेहद धनाढ्य व्यक्ति अश्व धन पैदा कर सके और जिनके बारे में मैंने काफी समय तक विश्लेषण कर फिर अपने निष्कर्ष निकाले हैं ।
सबसे पहले लगभग 25 वर्ष पूर्व उनके बारे में मेरा ध्यान ऐंड्रूज कार्नेगी द्वारा आकर्षित किया गया था । तब मैं बच्चा ही था जब चतुर एवं प्रिय वृद्ध स्पोर्टमैन ने यह विचार मेरे दिमाग में डाले थे । फिर वे प्रसन्न मुद्रा में मेरे सामने एक कुर्सी पर बैठ गए थे यह देखने के लिए कि मैं उनकी कही गई बातों की पूरी महत्ता समझ भी पाया हूं या नहीं ।
जब उन्होंने देखा कि मेरी समझ में उनके विचार आ गए हैं, तो पूछा कि क्या मैं बीस वर्ष या उससे अधिक का समय इनको दुनिया के सामने लाने में लगा सकता हूं कि नहीं, जिससे कि इन रहस्यों से अनभिज्ञ लोग असफलताओं को ही नहीं झेलते रहें । मैंने कहा कि मैं ऐसा कर सकूँगा। श्री कार्नेगी के सहयोग से मैंने अपना वादा निभाया है।
हजारों लोगों के व्यावहारिक-परीक्षण में खरे उतरने वाले रहस्यों को इस पुस्तक में उजागर किया गया है। इनका प्रयोग जीवन के हर क्षेत्र में हो सकता है। यह श्री कार्नेगी का विचार था कि यह जादुई सूत्र- जिसने उन्हें आशातीत समृद्धि प्रदान की- उन साधारण लोगों की पहुँच में भी आनी चाहिए जिसके पास धन कमाने के साधनों पर शोध करने का समय नहीं है। उनको उम्मीद थी कि इस सूत्र की परख मैं जीवन के हर क्षेत्र के लोगों के लिए करूंगा। उनका ही विचार था कि इसके बारे में हर स्कूल व कॉलेज में पढ़ाया जाना चाहिए तथा यदि इन्हें सही ढंग से पढ़ाया गया तो शैक्षणिक तंत्र में भी एक क्रांति हो जाएगी तथा स्कूलों में बिताया जाने वाला समय भी लगभग आधा रह जाएगा।
श्री चार्ल्स एम. श्वाब तथा अन्य उन्हीं के जैसे युवकों को श्री कार्नेगी का अनुभव आश्वस्त कर गया कि स्कूलों व कालिजों में बताए गए धन-उपार्जन संबंधी व्यावसायिक पढ़ाई या धनी होने के तरीके लगभग व्यर्थ ही हैं। वे इस निष्कर्ष पर इस कारण से पहुंचे क्योंकि ऐसे कई नवयुवकों को उन्होंने अपने व्यवसाय में लिया, जिनकी स्कूलों में पढ़ाई नगण्य थी परन्तु इस सूत्र के लागू करने का ज्ञान हो जाने के पश्चात उनमें गजब नेतृत्व शक्ति पैदा हो गई। इसके अलावा उनकी कोचिंग से हर उस व्यक्ति ने खुद सफलता पाई जिसने इसके निर्देशों का पालन किया था।
‘फेथ’ या ‘विश्वास’ के अध्याय में एक विशाल कम्पनी ‘यूनाइटेड स्टेट्स स्टील कॉरपोरेशन’ की अद्भुत कहानी का जिक्र किया गया है। इस कम्पनी को बनाने और चलाने वाला एक युवक था जिससे श्री कार्नेगी ने कहा था कि उनका फार्मूला पूरी तरह प्रभावी होगा बशर्ते कि इसका प्रयोग करने वाले इसको अपने जीवन में लागू करने को तैयार हों । यह युवक था चार्ल्स एम. श्वाब जिसने इस फार्मूला के जरिए धन और अवसर दोनों के क्षेत्र में असाधारण सफलता पाई । मोटा-मोटी कहें तो इस फार्मूला के इस्तेमाल से लगभग छह अरब डालर कमाए गए। यह तथ्य- उन सभी को ज्ञात है हो श्रीमान कार्नेगी को जानते हैं-जो काफी कुछ बताते हैं कि इस पुस्तक के पठन-पाठन से आपको क्या-क्या हासिल हो सकता है बशर्ते आपको यह ज्ञात हो कि आप क्या चाहते हैं।
पिछले लगभग बीस वर्ष की परख-प्रक्रिया से गुजरने के पूर्व भी लाखों लोगों ने इस ज्ञान से लाभ उठाकर श्री कार्नेगी के योजना अनुसार काम किया था। कुछ ने तो लाखों कमाए। आप लोगों ने इन सूत्रों के द्वारा अपने घरों में समरसता और शांति प्राप्त की । एक पादरी ने तो उसका इतनी योग्यता से इस्तेमाल किया कि एक माल में 75 हजार डालर से ज्यादा की आय प्राप्त की । सिनसिनाटी के एक दर्जी आर्थरनैश का धंधा लगभग दिवालिएपन की हालत तक पहुंच गया था। उसने अपने धंधे को ‘परीक्षण-पशु’ (गिनी पिग) की तरह प्रयुक्त कर इस फॉर्मूले को लगाया और धंधा खूब चमकाया । आर्थर नैश तो अब नहीं हैं परन्तु वह धंधा खूब चल रहा है। यह परीक्षण इतना मशहूर हुआ कि स्थानीय अखबारों एवम् पत्रिकाओं ने लाखों डालर मूल्य की तो मुफ्त प्रशंसा ही प्रदान की।
यह रहस्य फिर डल्लास के स्टूआर्ट ऑस्टिन वियर को प्राप्त हुआ । वह इसके लिए इतना तैयार थे- कि इन्होंने अपना पेशा छोड़कर कानूनी पढ़ाई की और महती सफलता प्राप्त की।
मैंने इस रहस्य. के बारे में जैनिंग रैन्डोल्फ को भी बताया था जिस दिन वे कॉलेज से स्नातक होकर निकले थे । उन्होंने उसका इस्तेमाल इतनी खूबी से किया कि आज वह ‘कांग्रेस के सदस्य’ के तौर पर अपना तीसरा सूत्र पूरा कर रहे हैं और यदि इन्होंने इसका आगे भी सही प्रयोग किया तो ‘व्हाईट हाउस’ भी उनके लिए दूर नहीं होगा ।
एक अन्य व्यक्ति हैं श्री के.जी., चैपलिन जो ला-सैले एक्सटेंशन विश्वविद्यालय के एडवरटायजिंग प्रबन्धक थे । तब इनका संस्थान कोई खास नहीं चल रहा था ।
अब वह विश्वविद्यालय के प्रेसीडेन्ट हैं । इस संस्थान में इन्होंने फॉर्मूले का प्रयोग इतने ढंग से किया कि आज शिक्षण संस्थानों में ‘ला-सैले’ का नाम देश के संस्थानों में हो गया है ।
मैं जिस रहस्य का जिक्र कर रहा हूं जिसका हवाला इस पुस्तक में सैकड़ों बार किया गया है उसका कोई स्पष्ट नाम नहीं है- शायद ढँका-छिपा-बेनाम होने के कारण यह ज्यादा कारगर रहता है क्योंकि वो तैयार हैं और इसकी तलाश में हैं वे इसे ढूँढ़ ही लेंगे। इसी कारण श्री कार्नेगी ने चुपचाप इसे मेरी तरह उद्धारित किया था- इस नाम रहित रहस्य को ।
यदि आप इसका प्रयोग करने को तैयार हैं तो इसको आप लगभग एक बार हर अध्याय में पाएंगे । मैं यह स्पष्ट करने में अपना विशेषाधिकार इस्तेमाल करता हूं कि जब आप तैयार होंगे तो वह आपको मिल जाएगा । लेकिन जब आप इसे अपनी तरह से खुद तलाशेंगे, तो आपको ज्यादा फायदा मिलेगा ।
जब यह पुस्तक तैयार की जा रही थी तब मेरे बेटे ने, जो कॉलेज के अंतिम वर्ष की तैयारी कर रहा था, अचानक दूसरे अध्याय की पांडुलिपि उठा ली और इसे रहस्य को खुद ही खोज लिया । उसने इसका इस्तेमाल इस खूबी से किया कि सीधे-सीधे उसे जिम्मेदारी भरा महत्वपूर्ण पद मिल गया तथा वेतन भी आम आदमी को मिलने वाली तनख्वाह से कहीं ज्यादा। उसकी पूरी कथा को दूसरे अध्याय में बताया गया है । जब आप उसे पढ़ लेंगे तो आपके मन में कोई ऐसा भाव- जो शायद अभी होगा-नहीं होगा कि यह किताब अतिशयोक्तिपूर्ण दावे करती है। मुझे विश्वास है कि मेरे पुत्र की कथा अभी तक मिली किसी भी निराशा या असफलता की हताशा दूर करने में सक्षम सिद्ध होगी । भले ही बीमारी या शारीरिक अक्षमता असफलता का कारण हो, मेरे पुत्र की कथा जिसमें कार्नेगी का फार्मूला- प्रयोग वर्णित है, आपके लिए निराशा के रेगिस्तान में आखिरी आशा की किरण बनके उभरेगी।
इस रहस्यमय सूत्र या फार्मूला का प्रयोग प्रैसीडेन्ट वुडरो विल्सन ने द्वितीय विश्वयुद्ध में किया था । इसको उस युद्ध में लड़ने वाले हर सिपाही को बताया गया, ट्रेनिंग के आवरण के माध्यम में छुपा कर। प्रैसीडेन्ट वुडरो विल्सन ने स्वयम् मुझे बताया कि युद्ध में जरूरी धन इकट्ठा करने में भी इस सूत्र का प्रभाव काफी कारगर सिद्ध हुआ था ।
लगभग बीस वर्ष पूर्व माननीय मैनुअल एल. क्वेजोन (तब फिलीपीन्स द्वीप समूह के रेजीडेन्ट कमिश्नर) ने भी इसी रहस्य से प्रेरित होकर अपने लोगों की स्वतंत्रता के लिए अभियान छेड़ा था। अंतत: वे अपने उद्देश्य में सफल हुए, फिलीपीन्स स्वतंत्र हुआ और इस स्वतंत्र राष्ट्र के वे ही पहले प्रैसीडेन्ट बने । इस रहस्य के बारे में एक अद्भुत बात यह है कि जो इसे प्राप्त कर लेते हैं वह बहुत कम प्रयत्न के साथ भावों तथा सफलता की आँधी में उड़ने लगते हैं। उनके लिए फिर असफलता तो जैसे असंभव ही हो जाती है। यदि आपको अभी भी कुछ संदेह है तो उन नामों का इतिहास स्वयम् परख लें जिनका नाम इस पुस्तक में आता है । तब आप स्वत: ही आश्वस्त हो जाएंगे सफलता के इस रहस्य से ।
लेकिन यहां यह बात बिल्कुल सत्य नहीं है कि नहीं से कुछ भी अच्छा है। जिस रहस्य का मैं लगातार हवाला दे रहा हूँ बिना कोई मोल दिए प्राप्त नहीं होता, हालांकि कि वह मूल्य उसकी तुलना में बहुत कम होता है जो आप प्राप्त करते हैं । न यह धन से खरीदा जा सकता है न इसे प्राप्त करने के बाद आप इसे गँवा सकते हैं । इसके दो कारण हैं- यह दो हिस्सों में प्राप्त होता है । पहला हिस्सा तो उनके पास होता ही है जो उसे प्राप्त कर चुके हैं और दूसरा जो इसके लिए तैयार हैं ।
जो तैयार हैं उनके लिए भी यह काफी कारगर होता है । शिक्षा से इसका कोई सरोकार नहीं है । मेरे जन्म होने से बहुत पहले यह थॉमस ए. एडीसन के पास था जिन्होंने इसका बड़ी चतुराई से प्रयोग किया और विश्व के अग्रगण्य अन्वेषक हो गए । यह भी ज्ञातव्य है कि उनकी मात्र तीन महीने ही स्कूली शिक्षा चल पाई थी ।
यह रहस्य एडीसन के एक व्यापारी-सहयोगी को मालूम था । प्रारंभ में वे मात्र साल के 12,000 डालर ही कमा पा रहे थे- बाद में तो उन्होंने बड़ा धन कमाया और जब सक्रिय व्यवसाय से सेवानिवृत्त हुए तो उस समय भी एक युवा की तरह लग रहे थे । इनकी कथा प्रथम अध्याय के प्रारंभ में ही दी गई है। इससे आपको पूरा भरोसा हो जाएगा कि धन-सम्पत्ति एवम् वैभव आपकी भी पहुँच में है, आप जो चाहते हैं वह बन सकते हैं तथा न सिर्फ धन वरन् प्रसिद्धि, मान्यता और सुख उन सबके लिए प्राप्त है जो इन आशीषों को प्राप्त करने के लिए प