Ank Jyotish Vigyan yavm Bhavishyafal (Hindi)
131 pages
Hindi

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Ank Jyotish Vigyan yavm Bhavishyafal (Hindi) , livre ebook

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Description

Iss pustak mein lekhak ke 25 varshon ke pathan paathan ka anubhav saamuhit hai tatha vishey ki gudhta evam gahanta ko spasht shabdon mein sahaj karke prastut kiya gaya hai. Ankh jyotish jaise duruh vishey ko jansadharan ki bhaasha mein likhne ke liye lekhak ne aadhik prayas kiya hai. Tathapi ismein bhasha shaili ki veh ravaangi hai ki pathak isse bina shabdkosh ke padhne mein kaamyaab ho sakenge. Sabki yeh dili iccha hoti hai apna bhavishya jaanna. Ankh jyotish bhavishya kathan ki ek prabhavi vidya ban chuki hai. Aasha hai ki humaare sehriday pathak isse khushi se sweekaar karenge.


Sujets

Informations

Publié par
Date de parution 01 juin 2015
Nombre de lectures 0
EAN13 9789350573464
Langue Hindi

Informations légales : prix de location à la page 0,0500€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.

Extrait

अंक ज्योतिष विज्ञान
एवं भविष्यफल


अरुण सागर ‘आनन्द’


प्रकाशक

F-2/16, अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली-110002
23240026, 23240027 • फैक्स 011-23240028
E-mail: info@vspublishers.com • Website: www.vspublishers.com

शाखाः हैदराबाद
5-1-707/1, ब्रिज भवन (सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया लेन के पास)
बैंक स्ट्रीट, कोटी, हैदराबाद-500 095
040-24737290
E-mail: vspublishershyd@gmail.com

शाखा : मुम्बई
जयवंत इंडस्ट्रियल इस्टेट, 1st फ्लोर, 108-तारदेव रोड
अपोजिट सोबो सेन्ट्रल मुम्बई 400034
022-23510736
E-mail: vspublishersmum@gmail.com

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© कॉपीराइटरू
ISBN 978-93-505734-6-4


डिस्क्लिमर
इस पुस्तक में सटीक समय पर जानकारी उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया गया है। पुस्तक में संभावित त्रुटियों के लिए लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होंगे। पुस्तक में प्रदान की गई पाठ्य सामग्रियों की व्यापकता या संपूर्णता के लिए लेखक या प्रकाशक किसी प्रकार की वारंटी नहीं देते हैं।
पुस्तक में प्रदान की गई सभी सामग्रियों को व्यावसायिक मार्गदर्शन के तहत सरल बनाया गया है। किसी भी प्रकार के उदाहरण या अतिरिक्त जानकारी के स्रोतों के रूप में किसी संगठन या वेबसाइट के उल्लेखों का लेखक प्रकाशक समर्थन नहीं करता है। यह भी संभव है कि पुस्तक के प्रकाशन के दौरान उद्धत वेबसाइट हटा दी गई हो।
इस पुस्तक में उल्लीखित विशेषज्ञ की राय का उपयोग करने का परिणाम लेखक और प्रकाशक के नियंत्रण से हटाकर पाठक की परिस्थितियों और कारकों पर पूरी तरह निर्भर करेगा।
पुस्तक में दिए गए विचारों को आजमाने से पूर्व किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है। पाठक पुस्तक को पढ़ने से उत्पन्न कारकों के लिए पाठक स्वयं पूर्ण रूप से जिम्मेदार समझा जाएगा।
मुद्रक: परम ऑफसेटर्स, ओखला, नयी दिल्ली-110020


प्रकाशकीय
‘अंक ज्योतिष विज्ञान एवं भविष्यफल’ प्रकाशित करते हुए हमें अति प्रसन्नता हो रही है। सरल, सहज भाषा में लिखी यह पुस्तक आम आदमी के लिए उपयुक्त है व लीक से हटकर प्रस्तुत की गयी है, कहा जाता है-
"लीक-लीक गाड़ी चले, लीकहि चले कपूत।
लीक छाड़ि तीनों चलें , शायर, सिंह, सपूत।।"
जी हाँ! इस पुस्तक में लेखक के 25 वर्षों के पठन-पाठन का अनुभव समाहित है तथा विषय की गूढ़ता एवं गहनता को स्पष्ट शब्दों में सहज करके प्रस्तुत किया गया है। अंक ज्योतिष जैसे दुरूह विषय को जनसाधारण की भाषा में लिखने के लिए लेखक ने अथक प्रयास किया है। तथापि इसमें भाषा शैली की वह रवानगी है कि पाठक इसे बिना शब्दकोश के पढ़ने में कामयाब हो सकेंगे। सबकी यह दिली-इच्छा होती है अपना भविष्य जानने की। आज भविष्य जानने की कई विधाएँ प्रचलित हैं जिनमें जन्म-कुण्डली, प्रश्न-कुण्डली, रमलशास्त्र, लाल किताब, भृगु संहिता, हस्तरेखा शास्त्र तथा सामुद्रिक शास्त्र प्रमुख हैं। अंक ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जिसका प्रयोग अन्य सभी विधाओं में प्रायः किसी न किसी रूप में अवश्य होता है। अंक ज्योतिष भविष्य कथन की एक प्रभावी विद्या बन चुकी है। पाठक अपने दैनिक जीवन में बल्कि व्यक्तिगत जीवन में इससे पूर्णरूप से लाभान्वित हो सकते हैं। आशा है कि हमारे सहृदय पाठक इसे खुशी से स्वीकार करेंगे तथा पुस्तक में पायी जाने वाली त्रुटियों के तरफ हमारा ध्यान आकर्षित करेंगे, जिसे अगले संस्करण में दूर किया जा सके।
आपसे एक निवेदन और। आप अपना रचनात्मक सुझाव एवं परामर्श हमें अवश्य लिखें, आपके सुझावों की हमें प्रतीक्षा रहेगी।
पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह किसी भी प्रकार का रत्न सुयोग्य ज्योतिषी के दिशा-निर्देश पर ही धारण करें।
-प्रकाशक


प्रस्तावना
प्रिय पाठको! ‘अंक ज्योतिष विज्ञान एवं भविष्यफल’ पर आधारित यह पुस्तक आपके समक्ष रखते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। खुशी का एकमात्र कारण यह है कि यह पुस्तक बोलचाल की भाषा में लिखी गयी है। इसकी भाषा इतनी सरल व सहज है कि साधारण से साधारण पढ़ा-लिखा पाठक भी इसे बड़ी आसानी से समझ लेगा और इसका पूरा लाभ उठा सकेगा।
आज से 25 साल पहले जब मैं सिर्फ़ एक पाठक हुआ करता था और ज्योतिष जैसे विषय में पारंगत होने के लिए जाने-माने विद्वानों की पुस्तकें पढ़ा करता था, तब मैं अपने साथ एक हिन्दी शब्दकोश रखा करता था, ताकि मैं पुस्तक के कठिन शब्दों के अर्थ समझ सकूँ और अपने पाठन में कोई रुकावट न आने दूँ।
आपको यह जानकर बड़ी हैरानी होगी कि विद्वान् लेखकों की पुस्तकें पढ़ने में मेरा आधा समय तो पुस्तक के कठिन शब्दों के अर्थ ढूँढ़ने में ही ज़ाया (बेकार) हो जाया करता था। उस वक़्त में यही सोचता था कि अगर विद्वान् लेखक ज्योतिष जैसे दुरूह विषय की जानकारी जनभाषा में देते तो कितना अच्छा होता।
पिछले दिनों जब ‘वी एण्ड एस पब्लिशर्स’ के युवा डायरेक्टर श्री साहिल गुप्ता जी ने मुझे जनभाषा में ‘अंक ज्योतिष विज्ञान एवं भविष्यफल’ विषय पर एक पुस्तक लिखने की ज़िम्मेदारी सौंपी, तो मेरी खुशी का ठिकाना न रहा, क्याेंकि मेरी बरसों से यह ख़्वाहिश थी कि मैं ज्योतिष जैसे दुरूह विषय पर जनसाधारण की भाषा में एक पुस्तक लिखूँ।
मैं फ़ौरन ‘अंक ज्योतिष विज्ञान एवं भविष्यफल’ पर आधारित यह पुस्तक लिखने बैठ गया। इस पुस्तक में मेरे 25 वर्षों के ‘ज्योतिष विषय’ के पठन-पाठन के मूत्र मन्त्र तो शामिल हैं ही, साथ-साथ इसमें भाषा शैली की वह रवानगी है कि आप इसे बिना शब्दकोश के पढ़ने में कामयाब हो सकेंगे।
खैर! यह तो हुई अपनी बात! अब मैं मूल विषय पर आता हूँ।
यह बात तो आप जानते ही हैं कि भविष्य जानने की इच्छा मनुष्य के मन में आदिकाल से रही है। आज भविष्य जानने की कई विधाएँ प्रचलित हैं, जिनमें जन्म-कुण्डली, प्रश्न-कुण्डली, रमल शास्त्र, लाल किताब, भृगु संहिता, हस्तरेखा शास्त्र तथा सामुद्रिक शास्त्र प्रमुख हैं।
परन्तु ‘अंक ज्योतिष विज्ञान एवं भविष्यफल’ एक ऐसा विज्ञान है, जिसका प्रयोग अन्य सभी विधाओं में किसी न किसी रूप में अवश्य किया जाता है। आज ‘अंक ज्योतिष विज्ञान एवं भविष्यफल’ भविष्य-कथन की एक प्रभावी विद्या बन चुकी है। इसके द्वारा आप न केवल अपने दैनिक जीवन में, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी मनचाहा लाभ उठा सकते हैं।
अंक विद्या के अन्तर्गत यह माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की ऊर्जा उसके सकारात्मक अंकों की ऊर्जा से मिल जाये, तो वह अपने जीवन में निश्चय ही मनचाही सफलता प्राप्त करने में सफल हो सकता है।
इस पुस्तक द्वारा आप जानेंगे- आप कौन-से अंक से प्रभावित हैं और कौन-से ग्रह का आपके जीवन में ज़्यादा-से-ज़्यादा प्रभाव रहेगा? आपका मूलांक, भाग्यांक तथा नामांक क्या है? आपके मित्र व शत्रु कौन-कौन हैं? आपका शुभ दिन, शुभ समय, शुभ तारीख़ें, शुभ रंग, वाहन का शुभ नम्बर, शुभ शिक्षा, शुभ व्यवसाय, शुभ देश व शहर, शुभ रत्न, शुभ वनस्पति, शुभ मन्त्र, शुभ यन्त्र तथा पूज्य देवता कौन है? यदि आपका स्वामी ग्रह अशुभ फल प्रदान कर रहा है, तो आपको उसे शुभता प्रदान करने के लिए क्या-क्या करना चाहिए? प्रेम एवं विवाह सम्बन्धों में आप किस प्रकार सफलता अर्जित कर सकते हैं? अगर आपको व्यापार करना है, तो कौन-सा व्यक्ति आपके लिए शुभ साझेदार सिद्ध हो सकता है? आप अपनी फर्म या कम्पनी को क्या नाम दें, कि आपको लाभ ही लाभ हो। आपके जीवन में कौन-कौन से रोग आपके लिए जी का जंजाल बनेंगे और आप इनसे मुक्ति केसे पा सकेंगे? आप कौन-सा रत्न/उपरत्न धारण करें, जिससे आपकी भाग्य की शुभता बढ़े और आप सफलता के ऊँचे खिरों तक पहुँच सकें। इन सबके अलावा आपको ज्योतिष सलाह के ज़रिये उन बातों से चेताया गया है, जो आपके जीवन में अशुभ हो सकती हैं।
अंक ज्योतिष विज्ञान एवं भविष्यफल की सबसे महत्त्वपूर्ण व मूलभूत विशेषता यह है कि इसमें ज्योतिष-शास्त्र की तरह गणित की क्लिष्टता व दुरूहता नहीं है। इसका गणित करने के लिए हमे किसी पंचांग, जन्त्री या अन्य वस्तु की आवश्यकता नहीं रहती। इसमें बस आवश्कता होती है, आपकी जन्म-तिथि की, जो आपके भूतकाल के बारे में तो बताती ही है, साथ-साथ आपके भविष्य के बारे में भी सटीक भविष्यवाणी करती है।
मैंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की है कि मैं इस पुस्तक में उन सभी बातों का उल्लेख कर सकूँ, जो आजकल बाज़ार में बिक रही जाने-माने ज्योतिषियों की पुस्तकों में भी नहीं हैं।
मेरा यह प्रयास कहाँ तक सार्थक हुआ है, यह मैं आपके विचारों से ही जान सकूँगा।
अरुण सागर ‘आनन्द’












समर्पण
ममतामयी माँ कमला देवी
एवं
आदरणीय पिता श्री प्यारे लाल को
सादर समर्पित


विषय-सूची
1. अंक ज्योतिष-परिचय
2. अंक ज्योतिष एवं ग्रह चक्र
3. मूलांक निकालने का तरीक़ा
4. मूलांक 1
5. मूलांक 2
6. मूलांक 3
7. मूलांक 4
8. मूलांक 5
9. मूलांक 6
10. मूलांक 7
11. मूलांक 8
12. मूलांक 9
13. जानिये अपने Lucky Number भाग्यांक के बारे में
14. नाम के पहले अक्षर का महत्त्व
15. आपका नाम आपके लिए शुभ है या अशुभ (नामांक)?
16. बच्चे के नाम का पहला अक्षर केसे जानें?
17. अंक और आपसी गुण
18. आपका जन्मदिन और फल
19. अंक-ज्योतिष और प्रश्न-ज्ञान
20. अंक और रोग
21. अनिष्ट ग्रहों की शान्ति के लिए उपाय
22. अंक ज्योतिष एवं शुभ शिक्षा
23. अंक ज्योतिष और शुभ व्यवसाय
24. अंक ज्योतिष और वास्तु
25. मकान का शुभ अंक
26. वाहन का शुभ अंक
27. अंक ज्योतिष और विवाह
28. अंक 13 अशुभ नहीं है
29. 27 नक्षत्रों में जन्में जातकों का फल
30. राशि और समय निर्धारण
31. आपकी राशि और फल
32. अनिष्ट ग्रहों की शान्ति के शुभ रत्न
33. स्तूप-पद्धति से प्रश्न फल जानना


अंक ज्योतिष-परिचय
जन्म कुण्डली में नवग्रहों की 12 भावों में स्थिति, दृष्टियाँ, ग्रहों की गति, नक्षत्रों का प्रभाव इत्यादि से व्यक्ति का स्वभाव, चरित्र, व्यवहार, रंग-रूप, आर्थिक स्थिति, शुभ व अशुभ घटनाओं तथा भाग्य-उदय के बारे में जाना जा सकता है।
‘हस्तरेखा शास्त्र’ (Palmistry) में हाथों व अँगुलियों की संरचना, हथेली की रेखाओं से जातक का स्वभाव, व्यवहार, भाग्योदय का समय, आयु व गुण-दोष के बारे में जाना जा सकता है, लेकिन ‘अंक ज्योतिष’ (Numerology) में जन्मतिथि के आधार पर ही जातक का स्वभाव, चरित्र, गुण, रहन-सहन, विचारधारा व भविष्य जाना जा सकता है।
‘अंक ज्योतिष’ संसार का सर्वाधिक प्राचीन विज्ञान है। अंकों का मानव के जीवन में बहुत महत्त्व है। अंक जीवन में हमेशा आपकी छाया बनकर आपका पीछा करते हैं। अंकों का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है। अंकों की संख्या सीमित है, लेकिन अंकों का रहस्य अनन्त है। केवल जन्म-तारीख़ के आधार पर हम अपने भविष्य व अहम ख़ास बातों के बारे में जान सकते हैं।
‘अंक ज्योतिष’ और ‘ज्योतिष शास्त्र’ (Astrology) की अन्य शाखाओं में काफ़ी फ़र्क़ है। ज्योतिष विद्या को सीखने के लिए अधिक श्रम करना पड़ता है, जिसमें महादशा/अन्तरदशा/प्रत्यान्तरदशा की गणना व लग्न निर्धारित करने के लिए गणित का उपयोग अधिक होता है। हस्त रेखा शास्त्र में ज्ञान-प्राप्ति के लिए हाथ की रेखाओं व चिह्नों की बारीक़ी से जाँच करनी पड़ती है, लेकिन अंक ज्योतिष बहुत ही सरल है। ‘अंक ज्योतिष’ सामान्य बुद्धि वाला व्यक्ति भी थोड़ा प्रयत्न करने से बड़ी आसानी से सीख सकता है। भविष्य जानने की केवल एक यही विद्या है, जिसे आम आदमी बिना किसी गुरु के सीख सकता है। भविष्य जानने के लिए जन्म-पत्रिका या हाथ की संरचना व हाथ की रेखाओं से भविष्य की जानकारी प्राप्त होती है, लेकिन अधिकतर जन्म-पत्रिकाओं में जन्म

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