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Description
Sujets
Informations
Publié par | Diamond Books |
Date de parution | 01 janvier 0001 |
Nombre de lectures | 0 |
EAN13 | 9789352789702 |
Langue | English |
Informations légales : prix de location à la page 0,0158€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.
Extrait
मोदी का जादू
eISBN: 978-93-5278-970-2
© प्रकाशकाधीन
प्रकाशक: डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि .
X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II
नई दिल्ली-110020
फोन: 011-40712100, 41611861
फैक्स: 011-41611866
ई-मेल: ebooks@dpb.in
वेबसाइट: www.diamondbook.in
संस्करण: 2018
मोदी का जादू
लेखक : कुमार पंकज
प्रकाशकीय
प्रधानमंत्री मोदी जी भारतीय राजनीति में एक मिथक बन गये हैं। आज मोदी के जादू की आभा चारों तरफ फैल रही है। कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने वालों में उनका नाम सबसे पहले लिया जाता है। आज मोदी के नेतृत्व में 20 राज्य भाजपा की झोली में आ चुके हैं। मोदी का जादू न सिर्फ भारतीय राजनीति में चल रहा है बल्कि उनका लोहा पूरी दुनिया मान रही है। उनके नेतृत्व को सबका समर्थन प्राप्त हो चुका है। उन्होंने धर्म, जाति की राजनीति की जगह विकास की राजनीति का एक नया मॉडल प्रस्तुत किया। मोदी जी के जोशीले भाषणों, ऊर्जावान व्यक्तित्व, हमेशा तत्पर रहने की काबिलियत, निर्णय लेने की त्वरित क्षमता ने अपने विरोधियों को भी अपना मुरीद बना लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी मानते हैं कि अकसर हम नए विचार को पनपने का मौका नहीं देते, क्योंकि उसे हम अपनाना ही नहीं चाहते या मन के कुछ डर की वजह से दूर रहना ही पसंद करते हैं। इसलिए उनके द्वारा किए गए विकास के कामों में नयेपन और नए आइडिया को प्रमुखता से काफी जगह दी गई। मोदी के शासनकाल में अधिकारियों को अपने इलाके में लोगों के विचार जानने को कहा जाता है। वेबसाइट पर आम जनता को उनके द्वारा क्रिएटिव आइडिया देने के लिए गाइडलाइंस दी गई हैं।
नरेंद्र मोदी के चुनावी कैंपेन के दौरान लोगों ने कहा था कि उन्होंने अपनी रैलियों में जितने पंचलाइन मारे, उतने तो शायद प्रख्यात लेखकद्वय सलीम-जावेद ने भी नहीं लिखे होंगे। दरअसल, मोदी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे लोगों से उन्हीं के अंदाज में कम्युनिकेट करते हैं। और उनके इसी विशिष्ट अंदाज ने उन्हें इतने ऊंचे मुकाम पर ला खड़ा किया है। लोग मानते हैं कि उनके इसी अंदाज के कारण एक बार फिर रैलियों का ट्रेंड राजनीति में वापस आया। बेबाक और दिलचस्प तरीके से उनके बोलने का शानदार अंदाज बेहतर कम्युनिकेशन का हिस्सा है।
चाहे चुनावी रैलियां हों या उनके भाषण, किसी विषय से संबंधित उनका कार्यक्रम ‘मन की बात’ हो या किसी व्यक्ति विशेष के बारे में उनकी टिप्पणी, उनके सभी जुमले किसी सिनेमा के डायलॉग्स की तरह हिट हुए।
मोदी मौका और मौजूदा लोगों के प्रोफाइल को देखकर कम्युनिकेट करते हैं। इसके लिए वह हर कार्यक्रम में भाग लेने से पहले उस जगह के बारे में रिसर्च करते हैं।
वह मॉडर्न भाषा और जोक का इस्तेमाल भी विरोधियों पर हमला करने और अपनी बात पहुंचाने के लिए करते हैं। मोदी का सर्वाधिक चर्चित हैशटैग ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ का जुमला उन्हें सोशल मीडिया पर ही पहली बार मिला था, यह बताने से भी वे नहीं चूकते।
अपने जोशीले भाषणों, ऊर्जावान व्यक्तित्व, हमेशा तत्पर रहने की काबिलियत, निर्णय लेने की त्वरित क्षमता के अलावा वे अपने दमदार फैशन स्टेटमेंट स्टाइल से भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। वह जब भी पब्लिक फोरम पर हाजिर होते हैं, तो इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि उनका लुक परफेक्ट हो, भारतीयता की छाप लिए हो और लोगों को पसंद आए।
करीने से सेट दाढ़ी, आधी बांह के कुर्ते के ऊपर स्लीवलेस जैकेट और चूड़ीदार पायजामा भी मोदी का सिग्नेचर स्टाइल बन गया है। कुर्ते और जैकेट के इस स्टाइल को युवाओं ने इतनी खुशदिली से अपनाया कि मोदी जी के इस स्टाइल स्टेटमेंट का नाम ही पड़ गयाः मोदी कट कुर्ता और मोदी जैकेट। वैसे, अपने लुक और कपड़ों पर वह उस वक्त भी काफी ध्यान देते थे, जब वह संघ के प्रचारक थे।
मोदी जी का राजनीतिक सफर जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे उनका जादू लोगों पर चढ़ता जा रहा है। अब भारत में भाजपा की राज्य में संख्या बढ़ती जा रही है। मोदी जी के नेतृत्व में गुजरात को एक तरह से मजबूत गढ़ बना दिया।
प्रस्तुत पुस्तक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर और उनके द्वारा किए गए कार्यों पर अत्यंत ही गहराई से प्रकाश डालने की कोशिश की गई है, जो इस पुस्तक को विशिष्ट एवं अनुभवात्मक बनाती है, और यह पुस्तक पाठकों को अवश्य पसंद आएगी।
-नरेन्द्र कुमार वर्मा nk@dpb.in
भूमिका
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधान सभा 2017 का चुनाव जीतने के बाद यह जीत नरेन्द्र मोदी की विकास की जीत है। ‘यह जीत मीडिया से लेकर आम आदमी के बीच सुर्खियों में रही’, इस टिप्पणी से नरेन्द्र मोदी ने यह साबित कर दिया कि वे वास्तव में कॉमनमैन हैं और उसी की तरह काम करना चाहते हैं। 2014 में जब से नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तब से उनकी छवि विकास पुरुष के रूप में ज्यादा रही है। उन्होंने अपने कार्यकाल में इस बात को प्रमाणित भी किया। मोदी ने जिस सफलता के साथ देश का नेतृत्व किया है, उनकी नेतृत्व क्षमता के आगे-पीछे के सभी प्रशासक फेल नजर आ रहे हैं। यह बात सच है कि मोदी के शासन काल में देश ने जो समृद्धि की, उसकी मिसाल बहुत कम देखने को मिलती है। मोदी का जनाधार बढ़ा, लेकिन मीडिया ने हमेशा उनकी छवि अलग रूप में पेश की। इस बात का प्रमाण उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों को देखकर भी मिलता है। नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विकास हो रहा है, हर गांव में पीने का पानी जा रहा है, हर गांव में पक्की सड़कें बन रही हैं, महिलाओं के सम्मान हेतु एवं देश की स्वच्छता के लिए प्रत्येक गांव में शौचालयों का निर्माण हो रहा है, महिलाओं का सम्मान ही देश का विकास है, इस बात के मद्देनजर नवजात बच्चियों की भ्रूण हत्या ना हो, उनके लिए ‘लाड़ली योजना’ का विकास किया गया है।
नरेन्द्र मोदी विकास की बात करते हैं, न कि हिन्दुत्व की। उनकी हिन्दुत्व की छवि को मीडिया ने कुछ अधिक ही बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है, जबकि ऐसा नहीं है। मोदी एक ऐसे प्रचारक हैं, जिन्होंने हिंदुत्व के राष्ट्रवाद को अच्छे राजकाज के उसूल के साथ मिला दिया है। उनके समर्थक उन्हें दूरदृष्टि से लैस काम करने वाले नेता के तौर पर देखते हैं, जो भ्रष्टाचार को लेकर सख्त है और ऐसा चुस्त कर्मयोगी है, जो दिन में 18 घंटे काम करता है। उनके आलोचक उन्हें फासिस्ट, अधिनायकवादी हिप्नोटिस्ट यानी सम्मोहित करके भुलावे में डालने वाली शख्सियत के तौर पर देखते हैं, जो समाज में और सत्ता में एक नया कायापलट करने की ताकत रखता है।
जब एक तरफ मोदी के विकास कार्यों की दुहाई दी जा रही थी तो दूसरी ओर उनके विरोधी, उनकी हिन्दुत्व छवि को उजागर कर अपने पक्ष में वोट बैंक बनाते नजर आ रहे थे। जमीनी हकीकत कोई नहीं पहचान पा रहा था। हर ओर से एक ही बात सुनने में आ रही थी कि कांग्रेस को पहले से ज्यादा फायदा होगा, कितना फायदा होगा, इसका किसी को अनुमान नहीं था। कांग्रेस हो या भाजपा दोनों के ही कार्यालयों में चर्चाओं का दौर जारी था, रणनीतिकार अपने-अपने तरीके से बस कयास लगा रहे थे कि यह लड़ाई बड़ी रोचक है। क्योंकि यह लड़ाई कांग्रेस या भाजपा के बीच न होकर कांग्रेस और नरेन्द्र मोदी के बीच लड़ी जा रही थी।
‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का मोदी-शाह का सपना दूर की कौड़ी नहीं। उनका काम करने का तरीका ऐसा है कि वे किसी भी दूसरी चीज का ख्याल किए बगैर एक धुन से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते हैं। इसे देखते हुए 2019 में और भी बड़ी कामयाबी की उनकी भूख अब खामख्याली नहीं रह गई है। चुनावी अपराजेयता में अडिग भरोसे ने उनमें और ज्यादा जोखिम लेने का माद्दा पैदा कर दिया है।
नरेन्द्र मोदी के व्यक्तिगत जीवन का उद्देश्य है कि वे सबके लिए आम हों, किसी के लिए खास बनकर न रहें। नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी की नब्ज को पहचाना। देश के विकास कार्यों की ओर ध्यान दिया। उनके लिए आम आदमी का विकास हमेशा प्राथमिकता में रहा।
व्यक्तिगत तौर पर मोदी का जीवन सरल और सहज रहा है। वे सबके लिए आम हैं और सबके लिए खास। इसी उद्देश्य के साथ मोदी अपने काम को आगे बढ़ा रहे हैं। उनका जीवन सादा है और इस बात का प्रमाण उनके निजी जीवन में भी मिलता है कि वे एक कॉमनमैन की तरह जीवन जीते हैं। उनका स्वभाव ऐसा है कि वे जो कुछ भी बोलते हैं, वह कम शब्दों में बोलते हैं। उन्हें कम बोलने की आदत है। हमेशा वे आम आदमी की भाषा बोलते रहे और उन्होंने यह साबित भी कर दिया कि अगर जनता साथ है, तो विरोध के कोई मायने नहीं रहते।
एक बात तय है कि जो व्यक्ति जीवन में संघर्ष कर बुलंदियों को छूता है, उसके अंदर हमेशा आत्मविश्वास बना रहता है। यह आत्मविश्वास संघर्ष से निकला हुआ सच है। इसलिए उन्हें आत्मविश्वास था और उन्होंने इस आत्मविश्वास के बल पर अपने आपको ऐसे मुकाम पर पहुंचाया कि देश ही नहीं, अपितु दुनिया में उनके नाम की चर्चा हुई।
नवंबर 2016 में मोदी ने 500 रु. और 1,000 रु. की ‘नोटबंदी का नाटकीय ऐलान किया था। आर्थिक तौर पर यह भले विवादित रहा हो, पर यह उथलपुथल मचाने वाली सियासत भी थी, जिसे उन्होंने अपनी पहचान बना लिया हैं इस फैसले को काले धन पर ‘जंग’ की तरह पेश किया गया, जिससे प्रधानमंत्री को नैतिक बढ़त और गरीबों को वाहवाही मिली।
मोदी, मोदी और मोदी! इसी के साथ देश की जनता ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया और ‘ए मैन विद ए मिशन’ की भांति काम करने के लिए उनको प्रेरित किया। आने वाले वर्षों में वे क्या करेंगे, यह तो भविष्य के गर्त में छुपा है, लेकिन बीते वर्षों में उन्होंने जो कुछ किया, वह करिश्मा ही कहा जा सकता है। क्योंकि देश की जनता समृद्ध है और समृद्धि का यह वाहक लगातार उनकी अति समृद्धि के बारे में सोच रहा है। स्वतंत्रता के 50 वर्षों के बाद देश में इतना विकास नहीं हुआ, जितना विकास उनके प्रथम शासन काल में हो गया, जो अपने आप में एक दूरद्रष्टा की सोच कही जा सकती है। मोदी का करिश्माई व्यक्तित्व ऐसा रहा है कि उन्होंने वह काम कर दिखाया, जो प्रत्येक जनसेवक को करना चाहिए।
‒कुमार पंकज
विषय-सूची मोदी का जादू मोदी सरकार की बैलेंस शीट मोदी सरकार की सफलता सबका साथ सबका विकास जन-जन का विश्वास आर्थिक मोर्चे पर सफलता वित्तीय मोर्चे पर सफलता मोदी सरकार हमारी अपनी सरकार उपलब्धियां और चुनौतियां भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार विकास के प्रति मोदी जी का दृष्टिकोण मोदी सरकार की विदेश नीति कुशल नेतृत्व गुजरात का गौरव 2001 का गुजरात स्वर्णिम गुजरात तस्वीरों में नरेन्द्र मोदी संघर्ष का साथी ए मैन विद ए मिशन आपातकाल में नरेन्द्र मोदी मंजिलें अभी और हैं .... चुनाव और मोदी नमो का सोलर मंत्र मोदी : गुजराती मुसलमान और ईसाइयों की नजर में मुख्यमंत्री के रूप में मोदी की उपलब्धियां संदर्भ
मोदी का जादू
सन् 2014 में भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को चेहरा बनाकर लोकसभा का चुनाव लड़ा। प्रचार के दौरान मोदी जी ने लगातार अनगिनत सभाओं को संबोधित किया। उनकी प्रचारक शैली ने कांग्रेस की जड़ों को हिलाकर रख दिया और बच्चे-बच्चे की जुबां पर एक ही नाम था- ‘मोदी’। ऐसा लग रहा था कि मोदी के सिवाय कोई और नेता है ही नहीं। सभाओं में उमड़े जनसैलाब ने बहुमत से जिताकर बता दिया कि मोदी के व्यक्तित्व में कितना आकर्षण है। प्रधानमंत्री बनने के तीन साल बाद आज भी मोदी का जादू बरकरार है। अब मोदी का यह जादू दुनियाभर में सर चढ़कर बोल रहा है। आइए जानते हैं कि नरेन्द्र मोदी के ऐसे कौन से खास गुण हैं जिन्होंने उन्हें इतना लोकप्रिय बनाया-
1. रोचक भाषण कला : मोदी जी अपनी भाषण कला से श्रोताओं को अपना बनाना जानते हैं। विदेशों के दौरे पर पहले भी कई प्रधानमंत्री गए किंतु मोदी जी ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने वहां रह रहे भारतीयों को अपने भाषण के दौरान संबोधित किया व उनसे मिले। उन्हें पहले से तैयार किए गए भाषण को पढ़कर बोलने की आवश्यकता नहीं होती। उनकी वाक् शैली में सम्मिलित शब्द और हाव-भाव लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
2. आकर्षक व्यक्तित्व : प्रधानमंत्री मोदी जी आज न सिर्फ भारतीय बल्कि विश्वस्तरीय नेता हैं। उनका आकर्षक व्यक्तित्व और मजबूत इरादे उन्हें अन्य प्रधानमंत्