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Description
Sujets
Informations
Publié par | Diamond Books |
Date de parution | 19 juin 2020 |
Nombre de lectures | 0 |
EAN13 | 9789352966790 |
Langue | English |
Informations légales : prix de location à la page 0,0106€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.
Extrait
मोदी सरकार नए प्रयोग, नए विचार
eISBN: 978-93-5296-679-0
© लेखकाधीन
प्रकाशक: डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि .
X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II
नई दिल्ली-110020
फोन: 011-40712200
ई-मेल: ebooks@dpb.in
वेबसाइट: www.diamondbook.in
संस्करण: 2019
मोदी सरकार नए प्रयोग, नए विचार
लेखक : विनय सहस्रबुद्धे, धीरज नय्यर
अनुवाद एवं सम्पादन : प्रदीप पंडित
इस पुस्तक के सभी अधिकार सुरक्षित हैं। इस पुस्तक के किसी भी भाग को प्रकाशक या लेखक की जानकारी के बिना पुनः प्रकाशित न किया जाये, न ही कहीं संजोकर रखा जाये न इसे इलेक्ट्रॉनिक, मशीनी, या अन्य किसी भी रूप में किसी भी रूप में प्रसारित किया जाये।
स्वीकृत ट्रेडमार्क्स : प्रयोग किये गए ट्रेडमार्क, इन्हें केवल सन्दर्भ के तौर पर प्रयोग किया गया है और हमारा उद्देश्य जानबूझ कर ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने का नहीं है।
हालाँकि योगदान करने वालों और प्रकाशक ने इस बात के पूरे प्रयत्न किये हैं कि इस पुस्तक में दी गयी जानकारी प्रेस में जाने के समय सही है, फिर भी यदि इस जानकारी को प्रयोग करने से किसी भी व्यक्ति पर कोई देयता आती है, तो वह इसके जिम्मेदार नहीं होंगे।
प्रस्तावना
नवीनता और नई सोच की कोई सीमा नहीं होती! बल्कि यह सच है कि मानव सभ्यता का विकास नई खोजों और आविष्कारों के माध्यम से हुआ है। जिसने भी यह कहा है कि रोशनी का नहीं होना ही “अँधेरा” नहीं होता, बल्कि “अँधेरा” वह होता है जब हम उस अँधेरे को हटाने की कोई कोशिश ही नहीं करते। इसी प्रकार समस्या केवल वह नहीं होती जब आपके पास उसका समाधान नहीं होता; समस्या वह होती है जब आपके पास नई सोच नहीं होती, क्योंकि नई सोच से ही नवीनता का जन्म होता है और नई सोच लाने के लिए हमें पहले उसके लिए माहौल तैयार करने की जरूरत होती है।
इस माहौल के कुछ मुख्य तत्व हैं कि आप अपने अंदर ऐसे संकल्प लाएं जो आपको आरामदायक माहौल से बाहर निकालें और कुछ बदलाव लाने के बारे में सोचने को बाध्य करें, क्योंकि पुरानी बातों की आदत डाल लेने से हम जीवन में कुछ नया नहीं कर सकते। शायद अंग्रेजी में जिसे “आउट ऑफ द बॉक्स” कहते हैं उसका तात्पर्य भी यह है कि आप कुछ नया और ताजा करें और सोचें। ऐसा करने से ही आपके जीवन में ऐसे बदलाव आ सकते हैं जो आपके जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
हालाँकि यह जानना जरूरी है कि लोग नवीनता क्यों लाना चाहते हैं- उससे भी ज्यादा जरूरी है कि हम यह सोचें कि लोग नयापन क्यों नहीं लाते या नहीं लाना चाहते। ऐसा नहीं है कि सालों पुरानी समस्याओं के आसान समाधान नहीं होते, कई बार लोग इन समाधानों की ओर इसलिए ध्यान नहीं देते, क्योंकि वह उन समस्याओं को सुलझाना ही नहीं चाहते, क्योंकि इसमें ही उनकी भलाई होती है!
बहुत सालों बाद भारत को ऐसा प्रधानमंत्री मिला जो इस सिद्धांत का जीता-जागता उदाहरण है कि बिना किसी भावनात्मक लगाव के किसी बात में या किसी काम में अपने आप को संलग्न किया जा सकता है। निजी लक्ष्य और स्वार्थपरता से कहीं दूर उन्होंने देशहित को उसके विकास को स्थापित किया है। इससे स्पष्ट है कि वे परिस्थितियों को बदलना चाहते हैं और इसके लिए जो रास्ता उन्होंने अपनाया है वह है “बातों को आड़े हाथों लेना”। इस रवैए ने नई सोच को जन्म दिया है और शासन में आये बदलाव इसी सोच का नतीजा हैं। इन्हीं बदलावों को मोदी सरकार ने तीन सालों में लागू भी किया है और यह सरकार, भारत की अब तक की सबसे अधिक नवीनता से काम करने वाली सरकार हो गयी है। जब एक व्यक्ति कुछ नया सोचता है तो दूसरे लोग भी प्रेरित होते हैं और उन्हें भी प्रोत्साहन मिलता है कि वह कुछ नया और हटकर सोचें और इससे नवीनता की पूरी संस्कृति बन जाती है।
हम इसी परिप्रेक्ष्य में कुछ लेखों का आंकलन प्रस्तुत कर रहे हैं जिनमें शासन से सम्बंधित 17 मुख्य नये विचारों की रूप-रेखा दी गयी है- और जिन्हें इस पुस्तक के माध्यम से ‘गोवर्ननवाशंस’ का नाम दिया गया है। अधिकांश लेख इन विचारों की जरूरत पर केंद्रित हैं, वह कैसे सोचे गए और ऐसे विचारों के प्रभाव क्या पड़ें और उनसे क्या लाभ हुआ है या ‘आने वाले समय में क्या होगा’। लेखों का यह समूह केवल इन 17 नए विचारों के बारे में नहीं है, बल्कि इस बात को भी प्रमुखता देना चाहता है कि मोदी सरकार में नए विचारों को पूरा महत्व दिया गया है और पूरी ईमानदारी से लागू किया गया है और उन्हें केवल ‘उत्कृष्ट विचार’ का तमगा सहेज कर नहीं रखा गया।
भारत जैसे देश में शासन में नए विचार के प्रलेखीकरण से दो मुख्य बातें होंगी-पहली यह कि समाज के रूप में यह जरूरी है कि हम नई सोच को एक दूसरे स्तर पर लेकर जाएँ, जो कि ‘जुगाड़’ से हटकर है। ‘जुगाड़’ अपने आप में बुरी चीज नहीं है-इसका अर्थ होता है, सरल तरीकों से निकाले गए समाधान। लेकिन इतने सालों में लोगों के मन में यह बात आ गयी है कि जुगाड़ का मतलब होता है- लोगों को या शासन तंत्र को झांसा देकर अपना काम पूरा करना। जब नए विचारों को सम्मान प्राप्त होगा तो इस तरह के जुगाड़ों में कमी आएगी और अच्छे हलों की कोशिश की जाएगी जो लम्बे समय तक साथ देंगे और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नवीनता की सभ्यता के महत्व को समझा है और वह चाहते हैं कि छोटी उम्र से ही नागरिकों में यह रचनात्मकता, और ‘कुछ नवीन करने’ की भावना आए। इस उद्देश्य से सरकार का अरल इनोवेशन मिशन भारत भर में स्कूलों में ‘अराल थिकरिंग’ प्रयोगशालाएं खोल रहा है जिनमें उन्हें विज्ञान की नवीनतम तकनीकें उपलब्ध होंगी और भारत के भावी नागरिकों को किताबों के अलावा भी नए विचारों से मुखातिब होने का अवसर मिलेगा, क्योंकि यही वह पीढ़ी है जो इक्कीसवीं सदी को भारत की सदी बनाएगी।
दूसरी यह बात है, कि जब सभी प्रणालियाँ आपको नतीजे देती हैं और सुनिश्चित करती हैं कि लाभ सभी को मिले, तब शासन में नवीन विचार और अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं। पुरानी बातों से हटकर वर्तमान सरकार ने यह किया है कि जिन लोगों पर सरकारी सेवाएं देने की जिम्मेदारी है वही पुरानी समस्याओं का समाधान निकालें। मंत्रियों के समूह बनाने के बदले, प्रधानमंत्री मोदी ने सचिवों और नौकरशाहों के समूह बनाये हैं ताकि वह तंत्र जो नियमों और नीतियों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है, वही हल ढूंढें और काम नहीं होने के बहाने न तलाशें। उनकी यह तीव्र इच्छा कि ‘तंत्र अपना काम करे’, इस बात से स्पष्ट होती है कि जिन लोगों के पास कुछ नहीं है, उन तक सुविधाएँ पहुंचनी चाहिए। इसलिए यह स्पष्ट है कि गरीबों के हित के लिए हर नए विचार को अधिक महत्व मिलना चाहिए। इसके लिए भी नए विचारों का प्रलेखीकरण करना बहुत आवश्यक है।
अंत में, इन लेखों के संकलन की विषय-वस्तु संशोधनों पर नहीं केवल शासन के नए विचारों पर केंद्रित है। हमारी कोशिश रही है कि यहां नवीनता का वह अर्थ लिया जाये जो शब्द-कोष में होता है, जिसका अर्थ है “किसी कार्य को करने के नए तरीके, कोई नए विचार या नई वस्तु”। हमने मोदी सरकार के केवल वही प्रोग्राम या योजनाएं यहां दी हैं जिस पर देश में पहली बार सोचा गया या लागू किया गया है। हालाँकि हमने शासन द्वारा लागू 17 नवोन्मेषों को भी इसमें शामिल किया है, हालांकि उनकी संख्या इससे अधिक है। इसे हम पहला संकलन कह सकते हैं और निकट भविष्य में ऐसे अन्य संकलन प्रकाशित किए जा सकते हैं। इस सरकार ने जो संशोधन किये हैं उनके लिए हमें अलग से ध्यान देना होगा।
इस पुस्तक में जिन नवोन्मेषों के बारे में बात की गयी है वह काफी अलग-अलग हैं। इनमें से कुछ को तो हम संस्थागत नवीनताएँ कह सकते हैं। इनमें से कुछ के मकसद तो स्पष्ट रूप से अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है, कुछ हमारी सभ्यता की उत्कृष्टता बताते हैं, और कुछ सामाजिक न्याय को बेहतर तरीके से देने की बात करते हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश नवोन्मेष इस बात पर केंद्रित हैं कि देश के लोगों का जीवन अधिक सरल कैसे बनाया जाये। इस पुस्तक के 17 अध्यायों के अंत में हमने नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए एक भाषण के कुछ अंश लिए हैं। यह भाषण उन्होंने तब दिया था जब वे गुजरात के मुख्य मंत्री थे और इसका विषय था सुशासन, जानते होंगे कि यह विषय उनके दिल के बहुत करीब है। हम मानते हैं कि इन लेखों के उपसंहार पाठकों को बता सकेंगे कि ऐसे नेता के लिए नवोन्मेष क्यों इतना जरूरी है जो चाहता है कि बदलाव आये।
हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं कि उन्होंने इस सोच को सराहा और हमारे प्रयत्नों को पूरा सहयोग दिया। हम मंत्रिमंडल सचिव श्री सिन्हा और उनके सहकर्मियों को भी धन्यवाद देना चाहेंगे। श्री भास्कर खुल्बे, श्री अनुराग जैन और प्रधानमंत्री कार्यालय के अन्य अधिकारियों के सक्रिय सहयोग के बिना, यह पुस्तक प्रकाश में नहीं आ सकती थी। हम इन सबके आभारी हैं। हम मेसर्स ब्लू पेंसिल प्राइवेट लिमिटेड को भी धन्यवाद देना चाहेंगे, जो एक मीडिया संस्था है और प्रलेखीकरण की प्रक्रिया में व्यावसायिक तौर पर हमारी सहायता करती है। हम रामभाई माहालगी प्रबोधिनी के रवि पोखरना और अपने प्रकाशक नरेन्द्र कुमार वर्मा जी का भी धन्यवाद करना चाहेंगे कि उन्होंने इस कार्य के लिए का तालमेल बैठाया।
विषय-वस्तु अध्याय-1 विकास पर संवाद अध्याय-2 पारदर्शिता के लिए नया-रास्ता : सरकारी ई-बाजार अध्याय-3 लोकतंत्र का संवाद : मन की बात अध्याय-4 भागीदारी की नई परिभाषा : माय गवर्नमेंट अध्याय-5 कर्म की कुशलता ही योग! : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अध्याय-6 मकसद दिलों को एक करना : एक भारत, श्रेष्ठ भारत अध्याय-7 नए भारत की नई संस्थाएं : नीति आयोग अध्याय-8 ऋण का भुगतान अध्याय-9 दुनिया हो भारत के द्वार पर! : भारत में निवेश अध्याय-10 ढूंढ़ने हैं सीप में छिपे मोती! : अनुसूचित जाति के लिए उद्यम-पूँजी कोष अध्याय-11 स्वस्थ भारत - स्वच्छ ईंधन : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अध्याय-12 कौशल विकास अध्याय-13 यात्री (उपभोक्ता) राजा है : रेल ट्विटर सेवा और मेरा डिब्बा साफ अध्याय-14 जीवन में रोशनी लाना : उजाला प्रोग्राम अध्याय-15 आसमान से शासन पर नजर : आसमानी टेक्नोलॉजी अध्याय-16 लोकतंत्रीय वित्तीय सशक्तिकरण : भीम एप्प अध्याय-17 फिर राह पर : भारतीय रेल को हरियाली से लैस करना सुराज संकल्प : नरेंद्र मोदी
अध्याय 1
विकास पर संवाद
ऐसे बहुत कम प्रधानमंत्री होते हैं जो किसी भी योजना के लागू करने और उसकी देख-रेख की प्रक्रिया में ज्यादा समय देते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह साधारण बात है। भारत के राजनैतिक इतिहास में ऐसे उद्धरणों की कमी नहीं है जहाँ इरादे नेक थे लेकिन उनका अमलीकरण ठीक से नहीं हो पाया। सरकार का दायित्व प्रधानमंत्री से शुरू होता है और उन्हीं पर समाप्त होता है, और जहाँ तक योजनाओं को लागू करने की बात है, प्रधानमंत्री मोदी अपनी जिम्मेदारी को बहुत तन्मन्यता से निभाते हैं।
मार्च, 2015 से हर माह प्रधानमंत्री सरकार के क्रियान्वयन प्रमुखों के साथ कांफ्रेंस करते हैं। इसमें भारत के 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिव शामिल होते हैं। करीब एक-दो घंटों तक प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष रूप से लोगों की शिकायतों को सुनते हैं, अवसंरचना की मुख्य योजनाओं की समीक्षा करते हैं और योजनाओं के क्रियान्वयन की जांच करते हैं। यह ‘प्रगति’ है या ‘प्रो-एक्टिव गवर्नेंस और ‘टाइमली इम्प्लीमेंटेशन’। जिसका अर्थ है ‘सक्रिय शासन और समय पर क्रियान्वयन’। ‘प्रगति’ सदैव एक नई चीज होती है जो शासन की धीमी प्रक्रिया को गति प्रदान करती है।
प्रगति ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच के ताल-मेल को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, डिजिटल डाटा मैनेजमेंट और भूगोल और स्थान-विशेष जानकारी की प्रणालियों के मेल से यह प्रधानमंत्री कार्यालय को इस बात के लिए सक्षम बनता है कि वह केंद्र और राज्य सरकारों के उद्यमों के विकास को साथ-साथ ट्रैक करते रहें। अपनी ओर से अधिकारी आपस में जानकारी साझा कर पाते हैं और समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं। ऐसा निर्धारित मीटिंग होने से पहले-